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सूरजमुखी की इन प्रमुख किस्मों की खेती से मिलेगी शानदार उपज और मोटा मुनाफा

सूरजमुखी की इन प्रमुख किस्मों की खेती से मिलेगी शानदार उपज और मोटा मुनाफा

सूरजमुखी एक सदाबहार फसल है, इसकी खेती रबी, जायद और खरीफ के तीनों सीजन में की जा सकती है। बतादें, कि सूरजमुखी की खेती के लिए सबसे अच्छा समय मार्च के माह को माना जाता है। इस फसल को कृषकों के बीच नकदी फसल के रूप में भी पहचाना जाता है। 

सूरजमुखी की खेती से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। इसके बीजों से 90-100 दिनों के समयांतराल में 45 से 50% तक तेल हांसिल किया जा सकता है। 

सूरजमुखी की फसल को शानदार विकास देने के लिए 3 से 4 बार सिंचाई की जाती है, ताकि इसके पौधे सही तरीके से पनप सकें। अगर हम इसकी टॉप 5 उन्नत किस्मों की बात करें, तो इसमें एमएसएफएस 8, केवीएसएच 1, एसएच 3322, ज्वालामुखी और एमएसएफएच 4 आती हैं।

1. सूरजमुखी की एमएसएफएस-8 (MSFS-8) किस्म 

सूरजमुखी की उन्नत किस्मों में एमएसएफएस-8 भी शम्मिलित है। इस किस्म के सूरजमुखी के पौधे की ऊंचाई तकरीबन 170 से 200 सेमी तक रहती है। एमएसएफएस-8 सूरजमुखी के बीज में 42 से 44% तक तेल की मात्रा पाई जाती है।

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किसान को सूरजमुखी की इस फसल को तैयार करने में 90 से 100 दिनों का वक्त लगता है। MSFS-8 किस्म की सूरजमुखी फसल की यदि एकड़ भूमि पर खेती की जाती है, जो इससे लगभग 6 से 7.2 क्विंटल तक उपज मिलती है। 

2. सूरजमुखी की केवीएसएच-1 (KVSH-1) किस्म 

केवीएसएच-1 सूरजमुखी की उन्नत किस्मों में शम्मिलित है, जो कि शानदार उत्पादन देती है। सूरजमुखी के इस किस्म वाले पौधे की ऊंचाई तकरीबन 150 से 180 सेमी तक होती है। 

केवीएसएच-1 सूरजमुखी के बीज से लगभग 43 से 45% तक तेल प्राप्त होता है। किसान को सूरजमुखी की इस उन्नत किस्म को विकसित करने में 90 से 95 दिनों की समयावधि लगती है। अगर केवीएसएच-1 सूरजमुखी की फसल को एकड़ भूमि पर लगाया जाए, तो इससे तकरीबन 12 से 14 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है। 

3. सूरजमुखी की एसएच-3322 (SH-3322) किस्म 

सूरजमुखी की शानदार उपज देने वाली किस्मों में एसएच-3322 भी शुमार है। इस सूरजमुखी की उन्नत किस्म के पौधों की ऊंचाई तकरीबन 137 से 175 सेमी तक पाई जाती है। एसएच-3322 सूरजमुखी के बीज से लगभग 40-42% फीसद तक तेल की मात्रा हांसिल होती है। 

किसान को एसएच-3322 किस्म की सूरजमुखी फसल को विकसित करने में 90 से 95 दिनों का वक्त लग जाता है। सूरजमुखी की एसएच-3322 किस्म को अगर एक एकड़ जमीन पर उगाया जाए, तो इससे तकरीबन 11.2 से 12 क्विंटल तक की उपज हांसिल हो सकती है। 

4. सूरजमुखी की ज्वालामुखी (Jwalamukhi) किस्म 

सूरजमुखी की ज्वालामुखी किस्म के बीजों में 42 से 44% प्रतिशत तक तेल पाया जाता है। किसान को इसकी फसल तैयार करने में 85 से 90 दिनों का वक्त लगता है। 

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ज्वालामुखी पौधे की ऊंचाई तकरीबन 170 सेमी तक रहती है। सूरजमुखी की इस किस्म को एक एकड़ भूमि पर लगाने से लगभग 12 से 14 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है। 

5. सूरजमुखी की एमएसएफएच-4 (MSFH-4) किस्म

सूरजमुखी की इस एमएसएफएच-4 किस्म की खेती रबी और जायद के सीजन में की जाती है। इस फसल के पौधे की ऊंचाई तकरीबन 150 सेमी तक पाई जाती है। 

एमएसएफएच-4 सूरजमुखी के बीजों में तकरीबन 42 से 44% तक तेल की मात्रा विघमान रहती है। इस किस्म की फसल को तैयार करने में किसान को 90 से 95 दिनों का वक्त लग जाता है। 

अगर किसान इस किस्म की फसल को एक एकड़ खेत में लगाते हैं, तो इससे करीब 8 से 12 क्विंटल तक की उपज बड़ी आसानी से प्राप्त हो जाती है।

जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

बारिश का मौसम आने पर हमारे आसपास के परिवेश में हरियाली छा जाती है। साथ ही, बहुत सारे लोग अपने घर एवं बगीचे में पौधे लगाते हैं। फूलों के पौधे घरों में हरियाली के लिए एवं ताजगी के लिए लगाए जाते हैं। वर्षा के दिनों पेड़ और पौधों में रौनक सी आ जाती है। बारिश का मौसम पेड़ और पौधों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद भी होता है। इस लेख में हम आपको ऐसे 10 फूलों के पौधों के विषय में बताएंगे, जिनको हम आसानी से अपने घर में लगा सकते हैं।

गुल मेहँदी

गुल मेहँदी के पौधे खुशबूदार एवं सदाबहार होते हैं। इसकी लम्बाई 20-60 सेंटीमीटर तक ऊंची होती है। साथ ही, गुलमेहंदी के पत्ते सुई के आकार के होते हैं। इसके फूल सर्दी अथवा वर्षा ऋतु में खिलते हैं, जिनका रंग बैंगनी, गुलाबी, नीला अथवा सफेद होता है।

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गेंदे का फूल

बाजार में रंग-बिरंगे तथा छोटे-बड़े समस्त प्रकार के फूलों के पौधे उपलब्ध हैं। इनमें गेंदे का पौधा काफी ज्यादा आकर्षक एवं खूबसूरत होता है। भारत में गेंदे का पौधा सर्वाधिक लगाए जाने वाले पौधों में से एक है। गेंदे के फूल 50 तरह से भी ज्यादा होते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पाए जाने वाले गेंदे के फूल सिग्नेट मेरीगोल्ड‌, इंग्लिश मेरीगोल्ड, अमेरिकन मेरीगोल्ड और फ्रेंच मेरीगोल्ड के होते हैं. इनमें से अमेरिकन और फ्रेंच मेरीगोल्ड की सुगंध बहुत लुभावन होती है.

कॉसमॉस

कॉसमॉस का पौधा हल्का सा नाजुक होता है। यह गेंदे के फूल जैसा ही नजर आता है। इसमें गुलाबी, बैंगनी एवं सफेद आदि रंग के फूल लगते हैं। इसका पौधा 6-7 फिट लम्बा होता है।

सूरजमुखी

सूरजमुखी फूल की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह फूल सूरज के चारो तरफ घुमता है। यानि जिस-जिस ओर सूर्य घुमता है, इसलिए इसका नाम सूरजमुखी है. सुरजमुखी का फूल देखने में बहुत आकर्षक होता है।

जिन्निया

एक खूबसूरत फूल है जो अक्सर बाग बगीचों में देखा जा सकता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला फूल है, जिसकी बागवानी बहुतायत से की जाती है। जिन्निया के फूलों का रंग उसकी किस्म के अनुरूप भिन्न भिन्न होता है। जिन्निया फूल बेंगनी, नारंगी, पीले, सफेद और लाल आदि रंग में होते हैं। कुछ जिन्निया किस्म के पौधों पर बहुरंगी फूल भी आते हैं।

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क्लियोम

विभिन्न स्थानों पर क्लियोम पौधे को मकड़ी के फूल, मकड़ी के पौधे अथवा मधुमक्खी के पौधे के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह फूलों के गुच्छों वाला एक लंबा कांटेदार पौधा है। इस पौधे पर गुलाबी एवं हल्के बैंगनी रंग के सुगंधित फूल खिलते हैं। इसके अतिरिक्त इसे सब्जी के बगीचे में लगाने के बेहद फायदे हैं, क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले खराब कीड़ों को दूर भगाने में सहायक है।

साल्विया

इस फूल के पौधे लम्बे, बौने एवं झाड़ीदार होते हैं। छोटे आकार के इस पौधे में कटीले पर हर तरफ ढेर सारे फूल निकलते हैं, जो कई दिन तक बने रहते हैं।

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पोर्टूलाका

उत्तर भारत मे इसे लक्ष्मण बूटी भी कहा जाता है। यह प्रातः काल धूप निकलने के साथ खिलता है एवं शाम को सूर्यास्त के लगभग मुरझा जाता है। इस पौधे के फूल के रंग शानदार होते हैं। साथ ही, यह सफेद, बैंगनी, पीले, लाल और नारंगी रंगों में मौजूद होते हैं।

एग्रेटम

एग्रेटम हौस्टोनियानम, मेक्सिको में सबसे ज्यादा लगाए जाने वाले एग्रेटम किस्मों में से एक है। एग्रेटम नीले, गुलाबी अथवा सफेद रंग के विभिन्न रंगों में नरम, गोल फूल पेश करते हैं। नीले एग्रेटम फूल की 60 से ज्यादा किस्में उपलब्ध हैं, जो अक्सर पूर्णतय विकसित होने पर केवल 6 से 8 इंच तक ही पहुंचती हैं।